इंदौर: प्रदेश के मुखिया मोहन यादव ने प्रभार लेते ही सायबर तहसीलों के मामलों पर सख्ती करना शुरू कर दी थी। इनके निर्देश के अनुसार सभी अधिकारियों को इन मामलों को प्राथमिकता से निपटाने के निर्देश दिए गए थे, लेकिन अधिकारियों की मनमानी सभी नियमों पर भारी पड़ रही है। पुरानी तहसील में पटवारियों की रिपोर्ट के बावजूद नामांतरण नहीं हो रहे हैं। इंदौर में 280 मामले पटवारी रिपोर्ट मिलने के बाद भी लंबित हैं। इनमें से 20 रिपोर्ट एक साल पुरानी हैं और 260 रिपोर्ट तीन महीने से अधिक पुरानी हैं।
नई सिरे से कराए जा रहे आवेदन… एडिशन ने जारी किए नोटिस
उप कलेक्टर रोशान राय ने सभी तहसीलदारों को पत्र लिखकर निर्देश दिए हैं कि नामांतरण से जुड़े सभी प्रकरणों की रिपोर्ट शीघ्र प्रस्तुत करें। यदि पटवारियों द्वारा रिपोर्ट प्रस्तुत नहीं की जाती है, तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इसके साथ ही नए आवेदन प्रक्रिया की शुरुआत की गई है।
कुछ रिपोर्ट के लिए अटके तो कई पर मनमानी हावी
नामांतरण के मामलों में समय पर कार्यवाही न होने के कारण कई प्रकरण लम्बित हैं। इनमें से कुछ प्रकरण अधिकारियों की लापरवाही और मनमानी के कारण अटके हुए हैं। वहीं, कुछ प्रकरणों में जानकारी की कमी और आपसी विवाद के कारण लंबित हैं।
ऑनलाइन बिरस्ता, ऑफलाइन आवेदन
मामलों की त्वरित निस्तारण के लिए ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों प्रकार के आवेदन लिए जा रहे हैं। पटवारी और तहसीलदारों को निर्देशित किया गया है कि वे समय पर रिपोर्ट प्रस्तुत करें।