शहर के 128 साल पुराने रेसीडेंसी क्लब एरिया में राष्ट्रीय अखिल आयुर्वेद संस्थान के प्राकृतिक चिकित्सा केंद्र के रूप में नया पंचकर्म चिकित्सा केंद्र खुलेगा। इस पहल से शहर में प्राकृतिक चिकित्सा को नया आयाम मिलेगा।
आयुर्वेदिक इलाज की तरफ बढ़ते कदम
आयुर्वेदिक इलाज की तरफ रुचि लेने से हो रहा है। संगमा का बहुत तेजी से विकसित हो रहा है, जिसमें यह केंद्र प्रमुख भूमिका निभाएगा। आयुर्वेद के विशेषज्ञों के अनुसार, पंचकर्म और प्राकृतिक चिकित्सा से शरीर और मन को लाभ मिलता है, जिससे दीर्घकालिक स्वास्थ्य समस्याओं का समाधान होता है। यह केंद्र आयुर्वेद, योग, और प्राकृतिक चिकित्सा के माध्यम से संपूर्ण स्वास्थ्य सेवा प्रदान करेगा।
नया आयुर्वेद कॉलेज भी बनेगा
स्थाप और संरचना जुटाने में लगा आयुर्वेद कॉलेज के आस-पास का क्षेत्र भी अब विकसित हो रहा है। अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान के असिस्टेंट डायरेक्टर डॉ. दिनेश शर्मा ने बताया कि इस नई परियोजना से शहर में आयुर्वेदिक शिक्षा और चिकित्सा को बढ़ावा मिलेगा।
30 बेड का प्राकृतिक चिकित्सा पंचकर्म केंद्र
इस परियोजना के अंतर्गत लगभग 20 एकड़ में फैले रेसीडेंसी क्लब एरिया में 30 बेड का प्राकृतिक चिकित्सा पंचकर्म केंद्र बनाया जाएगा। यह केंद्र पंचकर्म चिकित्सा के लिए सभी आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित होगा। यहाँ पर विशेष रूप से प्रशिक्षित चिकित्सक उपलब्ध रहेंगे जो विभिन्न प्रकार के चिकित्सा उपचार करेंगे। इस नए केंद्र से शहर के लोगों को प्राकृतिक चिकित्सा का लाभ मिलेगा।
क्या है प्राकृतिक पंचकर्म चिकित्सा?
प्राकृतिक चिकित्सा के जरिए विभिन्न रोगों का इलाज किया जाता है, जिसमें प्रमुख उपचार पद्धतियां जैसे पंचकर्म, शिरोधारा, और अभ्यंगम शामिल हैं। पंचकर्म चिकित्सा में शरीर को विषैले पदार्थों से मुक्त करने के लिए विभिन्न प्रकार के औषधीय तेलों और द्रव्यों का उपयोग किया जाता है।
यह चिकित्सा पद्धति शरीर को स्वस्थ और संतुलित रखने में मददगार होती है। इस केंद्र के शुरू होने से शहर में प्राकृतिक चिकित्सा का विकास होगा और लोगों को नई और प्रभावी स्वास्थ्य सेवाएं मिलेंगी।